कोविड-19 महामारी ने लोगों की आमदनी और बजट को बुरी तरह से गड़बड़ा दिया है. ऐसे वक्त में नई पीढ़ी की PayMe इंडिया जैसी फिनटेक कंपनियां इनोवेटिव क्रेडिट ऑप्शन लोगों को दे रही हैं. इनमें एडवांस सैलरी लोन और शॉर्ट टर्म कैश लोन शामिल हैं. मनी9 ने PayMe इंडिया के फाउंडर महेश शुक्ला से बात की और फाइनेंशियल क्राइसिस के दौर में इस कॉन्सेप्ट को लाने के पीछे उनकी सोच को जानना चाहा.
शुक्ला ने बताया, “सैलरी लोन आमतौर पर पर्सनल लोन होते हैं, लेकिन हमारा लोन छोटे साइज का और कम अवधि के लिए होता है. इसमें उधार लेने वाले को इमर्जेंसी के वक्त पर पैसा मिलता है और वे इसे बाद में एक बार में दे सकते हैं. पर्सनल लोन में आपको यही पैसा किस्तों में वर्षों तक चुकाना पड़ता है.”
आसान KYC प्रक्रिया
एक पूरी तरह से डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर कंपनी कस्टमर्स को आसानी से कर्ज मुहैया कराना चाहती है. इसके लिए उसने नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया को भी आसान बना दिया है.
ब्याज दर
छोटे टिकट साइज के लोन्स के लिए शुक्ला कहते हैं कि कंपनी 0.1 फीसदी प्रतिदिन का शुल्क लेती है और ये क्रेडिट कार्ड लोन के मुकाबले सस्ता पड़ता है. इसी वजह से लोग इस लोन में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं.
वे बताते हैं कि भारत में करीब 30 करोड़ लोग अनौपचारिक जरियों से पैसे उधार लेते हैं. इन लोगों को बैंक या दूसरे वित्तीय संस्थान कर्ज नहीं देते हैं.
वे कहते हैं कि ऐसे मामलों में PayMe इंडिया जैसी फिनटेक कंपनियों की जरूरत पड़ती है.
महेश शुक्ला के साथ पूरी बातचीत इस वीडियो में देखिएः