मनी9 हेल्पलाइन शो में कॉलर्स के सवालों का जवाब दिया जाता है और लोगों को उनकी आर्थिक मुश्किलों से निपटने के समधान मुहैया कराए जाते हैं. हम इस शो में फाइनेंशियल मैनेजमेंट से जुड़े दिग्गजों को बुलाते हैं ताकि वे आपको सही सलाह दे सकें.
इमर्जेंसी फंड बनाने के टिप्स से लेकर सही इन्वेस्टमेंट टूल चुनने तक मनी9 हेल्पलाइन के इस हफ्ते के एपिसोड्स में निवेशकों को उनके पैसों के प्रबंधन से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गईं. अपने पैसों की देखभाल कोई आसान काम नहीं है, खासतौर पर कोविड-19 महामारी के दौर में ये काम और मुश्किल हो जाता है.
हफ्ते के आखिरी हम आपको पूरे हफ्ते के दौरान हुए इन एपिसोड्स को दोहराते हैं ताकि अगर आप इन्हें देखने से चूक गए हैं तो आप इन्हें तसल्ली से देख सकें और इस हिसाब से अपनी वित्तीय योजना बना सकें.
इस हफ्ते के एपिसोड्स में मनी9 हेल्पलाइन ने श्वेता जैन को आमंत्रित किया. उन्होंने बताया कि मिलेनियल्स किस तरह से वित्तीय आजादी को हासिल कर सकते हैं.
वित्तीय मुश्किलों और स्ट्रेस से आजादी पाना मिलेनियल्स की पहली ख्वाहिश होती है. खासतौर पर मौजूदा वक्त में इसकी अहमियत और बढ़ गई है. लेकिन, बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि मिलेनियल्स किस तरह से वित्तीय आजादी हासिल कर सकते हैं.
शेयर बाजार रिकॉर्ड लेवल्स पर कारोबार कर रहा है और इसलिए निवेशक को IPO में लिस्टिंग डे गेन लुभा रहा है . लेकिन over subscribe हो रहे IPO में आखिर रिटेल इंवेस्टर के हाथ कितने शेयर लग रहें हैं?
Asset Yogi Youtube Channel के फाउंडर और होस्ट मुकुल मलिक के मुताबिक, ज्यादातर रिटेल इंवेस्टर का इन IPOs में नंबर ही नहीं लगता. कुछ खुश किस्मत निवेशक को अगर अलॉटमेंट मिलती भी है तो केवल एक लॉट मिलता है. इस 15,000 रुपए के एक लॉट में कोई मालामाल नहीं होने वाला.
दोहानॉमिक्स के लेखक और फाइनेंशियल कोच विनायक सप्रे अकबर -बीरबल की कहानी का उदाहरण देकर समझाते हैं कि अकबर के एक बगान के माली सोते रहते थे और बगान का हाल बुरा हो रखा था. लेकिन, जब उन्हें बीरबल ने कहा कि काम करोगे तो अकबर के शाही बगाना में नौकरी मिल सकती है तो सारे माली जाग गए और काम में जुट गए. ठीक ऐसे ही अपने पैसों को भी नींद से उठाकर उनसे काम करवाइए ताकि वो आपके लिए रिटर्न कमा सकें.
नए जमाने की भारतीय औरतों के लिए अपने पैसों का मैनेजमेंट खुद करना बेहद जरूरी है. अगर महिलाएं अपने पैसों की देखभाल खुद करती हैं और सही फैसले लेती हैं तो वे अपने लिए वित्तीय आजादी को एक हकीकत बना सकती हैं. मनी9 हेल्पलाइन में हमने फिनवाइज की को-फाउंडर प्रतिबा गिरीश से बात की और जाना कि क्यों महिलाओं के लिए अपने वित्तीय मामलों की देखरेख खुद करना जरूरी है.
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