दो महीने में 60% से अधिक रिटर्न! क्या लगाना चाहिए सोना कॉमस्टार पर दांव?

Sona Comstar: JM Financial ने कंपनी के लिए 570 रुपये के टार्गेट प्राइस सेट किया है. यह इसके मौजूदा मार्केट प्राइस 473 रुपये से 20% अधिक है.


ब्रोकरेज फर्म जे एम फाइनेंशियल (JM Financial) ने सोना BLW प्रिसीजन फोर्जिंग्स (Sona Comstar) के लिए 570 रुपये के टार्गेट प्राइस का अनुमान दिया है. यह इसके मौजूदा मार्केट प्राइस 473 रुपये से 20 प्रतिशत अधिक है. सोना कॉमस्टार देश की बड़ी ऑटोमोटिव टेक्नॉलजी कंपनियों में से एक है. यह ऑटोमोटिव सिस्टम और कंपोनेंट बेचती है. इसकी कमाई के मुख्य स्रोत में डिफरेंशियल गियर (30%), डिफरेंशियल असेंबली (18%), कनवेंशनल और माइक्रो-हाइब्रिड स्टार्टर मोटर (52%) शामिल हैं. आने वाले समयस में BSG सिस्टम, EC ट्रैक्शन मोटर और मोटर कंट्रोल यूनिट से भी इसका रेवेन्यू बढ़ सकता है.

कंपनी के शेयर 291 रुपये के इशू प्राइस से 60 फीसदी बढ़त दर्ज कर चुके हैं. इसकी लिस्टिंग 24 जून को 302.4 रुपये पर हुई थी.

सोना कॉमस्टार अमेरिका, यूरोप, भारत और चीन के ऑटोमोटिव ओरिजिनल इक्विपमेंट बनाने वालों को इलेक्ट्रिक (जिसकी रेवेन्यू में 20 फीसदी हिस्सेदारी है) और नॉन-इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए सामान सप्लाई करती है.

जे एम फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘ग्राहकों से लंबे समय से जुड़े रहने और R&D पर फोकस करने की वजह से सोना कॉमस्टार दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल के बढ़ते ट्रेंड को भुनाने की अच्छी पोजिशन में है. मोटर और ड्राइवलाइन को लेकर इसकी क्षमताएं ग्राहकों को आकर्षित करने का दम रखती है.’

ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि 14 हजार करोड़ रुपये की नेट ऑर्ड बुक (जिसमें EV की हिस्सेदारी 57 फीसदी है) रखने वाली सोना कॉमस्टार की आमदनी वित्त वर्ष 2024 के अंत तक सालाना आधार पर 40 प्रतिशत के दर से ग्रोथ (CAGR) दर्ज कर सकती है. इसमें EV का योगदान 30 फीसदी तक रह सकता है.

कंपनी का EBITDA मार्जिन 28 फीसदी के लगभग बरकरार रहने की उम्मीद है. ऑपरेशन, बैट्री इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) की असेंबली और कम मार्जिन वाले मोटर बिजनेस से बचने के कारण इसका प्रति शेयर कमाई का सालाना ग्रोथ रेट (EPS CAGR) 45 फीसदी का रह सकता है.

जे एम फाइनेंशियल का कहना है, ‘हम इसे ‘बाय’ रेटिंग देते हैं. इसका टार्गेट प्राइस (डिस्टाउंटेड कैश फ्लो के आधार पर) 570 रुपये रहने की उम्मीद है. यानी, इसमें 20 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है. इसके साथ तेजी से बदलते ग्लोबल ऑटोमोटिव सेक्टर पर निर्भरता, EV का देर से अपनाया जाना और नए प्रॉडक्ट्स को लेकर मार्केट में दबदबा नहीं पाने जैसी चुनौतियां जुड़ी हैं.’

Published - August 20, 2021, 02:36 IST