मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि बड़े तौर पर सेगमेंट में भारी तेजी के बाद अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने का यह सही समय है. मार्च 2020 के निचले स्तर के बाद से BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 135% और 202% की तेजी आई है. दूसरी ओर, बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स इसी अवधि के दौरान 103% बढ़ा है.
CapitalVia की लिखिता चेपा ने कहा कि मार्केट में तेजी के बाद बाजार की वैल्यूएशन ऊपर चली गई है. उनका मानना है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करना चाहिए और अपना ध्यान लार्जकैप पर लगाना चाहिए. उन्होंने कहा, “मिडकैप और स्मॉलकैप में अब निवेश कम करना चाहिए. आने वाले महीनों में लार्जकैप में अच्छी हलचल देखने को मिल सकती है.”
उनका यह भी मानना है कि बाजार में नई पोजीशन लेने का यह सही समय नहीं है. हालांकि, वे चुनिंदा लार्जकैप खिलाड़ियों को लेकर बुलिश हैं. इसमें भारतीय स्टेट बैंक, एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक शामिल थे.
चेपा का मानना है कि SBI अगले 15 महीने में 480 रुपये तक पहुंच सकता है, जबकि एशियन पेंट्स और मदरसन सुमी क्रमशः 3,320 रुपये और 270 रुपये तक बढ़ सकते हैं.
“एशियन पेंट्स हमारे लिए आकर्षक लग रहा है क्योंकि इसका डेट टू इक्विटी रेशियो पिछले पांच वर्षों में स्थिर बना हुआ है. हम SBI को भी पसंद करते हैं क्योंकि जून तिमाही में ऋणदाता के परिचालन लाभ ने अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है. हम मदरसन सुमी को लेकर भी उत्साहित हैं क्योंकि यूरोप और अमेरिका में इसके ऑटोमोबाइल उत्पादन में सुधार हो रहा है. इससे उसके राजस्व और आगे चलकर एबिटा मार्जिन में इजाफा होना चाहिए.
प्राइमरी मार्केट्स पर अपने विचार साझा करते हुए चेपा ने कहा कि प्राइमरी मार्केट्स का सेंटीमेंट सेकेंडरी मार्केट्स से काफी हद तक जुड़ा हुआ है. भारत विदेशी धन के मामले में तीसरी सबसे पसंदीदा उभरती बाजार अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. इंटरनेट की बढ़ती पैठ के कारण खुदरा भागीदारी बढ़ी है.
उन्होंने कहा, “किसी भी कंपनी के लिए IPO मार्केट से पैसा बनाने की कोशिश का यही सही वक्त है. कंपनियां प्राइमरी मार्केट का फायदा उठा रही हैं. निवेशकों को ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर कोई फैसला नहीं करना चाहिए.