सफलतापूर्वक पैसा निवेश करना और इसे संभालना कोई आसान बात नहीं है. क्रिकेट मैच में जब सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी या राहुल द्रविड़ बैटिंग करते थे और सेंचुरी बनाने की सोचते थे तो वे बाहरी शोर-शराबे से खुद को अलग रखते थे. इसी तरह से इनवेस्टर्स को भी अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल करते वक्त अपने आप को फोकस्ड रखना होता है और दिमाग को शांत रखना पड़ता है.
मुबंई के इनवेस्टर, लेखक और शिक्षक विनायक सापरे अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के बारे में सलाह देते हुए कहते हैं कि लंबे वक्त के निवेश में धैर्य की जरूरत होती है. वे कहते हैं कि जब हम निवेश के रास्ते पर होते हैं तो हमें लालच में नहीं आना चाहिए, इसकी बजाय अनुशासित रहकर और धैर्य के साथ जिम्मेदाराना रवैया रखना चाहिए.
वे कबीर दास का एक दोहा सुनाते हैं, “मुंड मुंडाया हरि मिलें, सब कोई ली मुंडाए, बार बार के मुढ़ाते, भेड़ा ना बैकुंठ जाए.”
इस दोहे में कबीर दास कहते हैं कि भीड़ की मानसिकता पर चलकर आप कभी भी अपना मकसद हासिल नहीं कर सकते हैं.
सापरे मानते हैं कि बाहरी शोर-शराबे या बाजार में चल रही हलचल से आपके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए. किसी भी निवेशक को केवल अपने लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए.