International Mutual Funds: अगर आप विदेशी बाजारों के शेयरों में निवेश करना सबसे बेहतरीन तरीका है इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड. किसी भी इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले आपके इन 5 अहम बातों पर गौर करना चाहिए. इसमें फंड की कैटेगरी से लेकर कहां निवेश हो रहा है, निवेश से पहले किन बातों पर गौर करना चाहिए, किस देश का फंड चुनना चाहिए और इससे हुई कमाई पर कितना टैक्स लगेगा जैसे अहम सवाल शामिल हैं.
इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड को 3 कैटेगरी में बांटा जा सकता है.
ऐसे फंड्स जो सीधे शेयरों में निवेश करते हैं वो इस कैटेगरी में आते हैं. इसमें वे फंड्स हैं जिनका फंड मैनेजर भारत में ही है ना कि विदेश से इसे मैनेज कर रहा हो. वहीं, कुछ ऐसे फंड भी हैं जो सीधा निवेश नहीं करते बल्कि किसी फीडर फंड या फंड ऑफ फंड्स के जरिए निवेश करते हैं. यानी, स्थानीय निवेशकों से पैसे पूल कर इस कॉरपस को पेरेंट फंड में ट्रांसफर किया जाता है जो विदेश से मैनेज किया जा रहा है.
कुछ फंड्स किसी खास तरह के रीजन में ही निवेश करते हैं जैसे अमेरिका, युनाइटेड किंग्डम, चीन या साउथ-ईस्ट एशिया. कुछ ऐसे फंड्स भी होते हैं जो दुनियाभर की कंपनियों में निवेश करते हैं और किसी एक रीजन को लेकर बाध्य नहीं हैं.
फंड किसी एक खास सेक्टर में निवेश कर सकता है जैसे कृषि, कमोडिटीज, गोल्ड, टेक्नोलॉजी या रिटेल सेक्टर.
अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो आपके लिए बेहतर होगा कि विकसित देशों के फंड्स में निवेश करें जो अच्छा प्रदर्शन दिखा रहे हैं. भारत भले ही विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो लेकिन मार्केट कैप सिर्फ 2 लाख करोड़ डॉलर के करीब ही है जबकि अमेरिकी बाजार की वैल्यू 90 लाख करोड़ डॉलर है. यानी, तकरीबन 43 गुना ज्यादा.
आपके पास ढेर सारे इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड के विकल्प जरूर हैं, लेकिन अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो किसी ऐसे फंड में निवेश करना बेहतर है जो किसी विदेशी स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स में निवेश करते हैं जैसे नैस्डैक 100, S&P500 आदि. नैस्डैक 100 ने पिछले 10 साल में 18 फीसदी की दर से सालाना रिटर्न दिया है जबकि भारतीय बाजारों ने इससे एक फीसदी कम रिटर्न दिया है.
अलग-अलग देशों में जहां ग्रोथ साइकल अलग-अलग होती है इससे आपके पोर्टफोलियो को फायदा होगा. साथ ही आप इससे करेंसी में कमजोरी का भी फायदा उठा सकेंगे. पिछले 3 दशकों में रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार 6 फीसदी की दर से कमजोर हो रहा है. अमेरिका में निवेश वाले फंड से आपको इस फर्क से भी फायदा मिलेगा.
इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड से हुई कमाई को किसी भी अन्य घरेलू फंड से हुई कमाई की तरह ही माना जाता है. इसके लिए कोई अतिरिक्त नियम नहीं है. इसपर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भरना होगा.