Index Fund Investment Strategy: इंडेक्स फंड, जिन्हें पैसिव फंड भी कहा जाता है, ऐसे फंड हैं जो शेयर बाजार या किसी एक सेक्टर के एक इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और उनका निवेश भी उसी इंडेक्स के आधार पर होता है. क्या इंडेक्स फंड में निवेश करना सही है? मनी9 हेल्पलाइन पर कंप्लीट सर्कल कंसल्टेंट के को-फाउंडर गुरमीत चड्ढा ने ऐसे ही कई सवालों के जवाब दिए और निवेश की सही राह दिखाई.
प्रमोद राज: इंडेक्स फंड में क्या फंड मैनेजर एक बार खरीदारी करके छोड़ देता है या वो मुनाफावसूली भी करता है.
चड्ढा: एक फंड मैनेजर की जिम्मेदारी होती है कि वे निफ्टी या जिस भी इंडेक्स को फंड ट्रैक करता है उसके मुताबिक ही वेटेज रखे. अगर कोई स्टॉक निफ्टी से बाहर निकल रहा है तो फंड मैनेजर को भी उसे फंड से बाहर करना होगा. अगर स्टॉक की निफ्टी में एंट्री हो रही है तो फंड मैनेजर को उसे भी शामिल करना होगा. निफ्टी भी समय-समय पर शेयरों के वेटेज की रीबैलेंसिंग करता है. इंडेक्स की रीबैलेंसिंग के मुताबिक ही फंड मैनेजर को भी फंड में शेयरों की रीबैलेंसिंग करनी होती है. यानी, ये फैसले फंड मैनेजर नहीं ले रहा होता बल्कि इंडेक्स पर निर्भर करता है.
आशीष दारजी: इंडेक्स फंड में निवेश करके और साथ ही टेक्निकल एनालिसिस और वायदा के डेटा के मुताबिक हर सालाना 25 फीसदी का रिटर्न हासिल कर सकते हैं, अगर 2-3 इंडेक्स फंड्स के बीच स्विच करते रहें. क्या ये स्ट्रैटेजी काम करेगी?
चड्ढा: आप पैसिव स्ट्रैटेजी के बिल्कुल उलट काम कर रहे हैं. पैसिव फंड्स में निवेश लंबी अवधि के लिए और नियमित निवेश के लिए है. इनसे मिले रिटर्न एक ही जैसे नहीं रहते. इंडेक्स फंड महंगाई के साथ ही आर्थिक ग्रोथ को भी प्रतिबिंबित करता है. इसलिए निवेश को समय देने की जरूरत है. इंडेक्स दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था में संगठित क्षेत्र की स्थिति कैसी है.
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