म्यूचुअल फंड में निवेश आमतौर पर सुरक्षित विकल्प माना जाता है. हालांकि, क्या लार्जकैप, मिडकैप या स्मॉलकैप फंडों में अलग से निवेश करने की तुलना में मल्टी-कैप या फ्लेक्सीकैप फंडों में निवेश करना बेहतर है? सेबी का फंड वर्गीकरण ढांचा ज्यादातर फंड को पोर्टफोलियो में शेयरों के मार्केट कैप के पैरामीटर पर विभाजित करता है. इसमें निवेशकों को अपने मुताबिक चुनाव करने और पोर्टफोलियो में आवंटन की आजादी मिलती है.
मनी9 हेल्पलाइन ने कॉल करने वालों के म्यूचुअल फंड निवेश संबंधी सभी सवालों के जवाब देने के लिए मॉर्निंगस्टार के निदेशक-प्रबंधक अनुसंधान कौस्तुभ बेलापुरकर की मेजबानी की. पेश हैं अंशः
सौम्या दास, कोलकाता: लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों में अलग-अलग निवेश करने के बजाय मल्टी-कैप फंड्स में निवेश करने का क्या फायदा है?
मल्टी-कैप फंड्स का एक महत्वपूर्ण फायदा है. तीन फंड- स्मॉलकैप, मिडकैप, मल्टी-कैप में काफी उतार-चढ़ाव होता है. स्मॉलकैप में अन्य फंड्स के मुताबिक अधिक अस्थिरता होती है. यदि इन फंड्स को व्यक्तिगत रूप से पोर्टफोलियो में शामिल किया जाता है, तो गिरावट का अनुभव अधिक होगा, जो निवेशकों में घबराहट पैदा करेगा. यदि इसे मल्टी-कैप में निवेश किया जाता है तो घबराहट कम होती है क्योंकि अस्थिरता का जोखिम कम होता है.
निरुपम मंडल: मेरे पास 20 से 25 वर्षों के लिए एसबीआई स्मॉल कैप (इक्विटी पोर्टफोलियो का 8%) में एक एसआईपी है. क्या मुझे इसमें निवेश जारी रखना चाहिए?
आप सही काम कर रहे हैं. यह फंड बहुत अच्छा कर रहा है. मैं निवेश में बने रहने की सलाह दूंगा.