अपने हर छोटे-बड़े निवेश और बैंक अकाउंट में Nominee कॉलम को नजरअंदाज़ न करें. सब ठीक है भर देंगें, मुझे क्या होने वाला है ? इन सारे सवालों को जरा उल्टा कर के पूछिए कि अगर मुझे कुछ हो गया तो ? आपके बाद अगर वो निवेश जो आप अपने परिवार के लिए कर रहें है उन तक नहीं पहुंत ही न पाए तो ? Edelweiss AML के हेड सेल्स दीपक जैन बताते हैं कि कोविड के दौरान उनकी कंपनी के सामने ऐसे कई वाक्ये आए जहां निवेश करने वाली की मृत्यु हो गई और नॉमिनेशन की फॉर्मेलिटी पूरी नहीं होने की वजह से घर वाले कोर्ट के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं. कई ऐसे मामले भी आए जिसमें जीवित परिवार के सदस्य को खबर भी नहीं थी कि निवेश कहा-कहां किया गया था.
COVID-19 के तांडव में ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें मां- बाप दोनों गुजर गए और बच्चों को निवेश के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
इसलिए जरूरी है कि नामिनी नियुक्त करें. नॉमिनी नहीं होने की स्थिति मे परवार को कोर्ट से succession certificate लेना होगा और तभी जाकर पैसे उत्तराधिकारी को मिल पाएंगे.
दीपक जैन के मुताबिक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने झब परवार अपने को कोने शोक से गुजर रहा हो तो ये सारे काम और ज्यादा भारी लगने लगते हैं.
पति- पत्नी , बच्चा, परिवार का कोई अन्य सदस्य या दोस्त नॉमिनी हो सकता है. कोई जरूरी नहीं है कि आपका नॉमिनी से खून का रिश्ता हो. तीन नॉमिनी बनाएं जा सकते हैं.
एक से ज्यादा नॉमिनी है तो पौसों की जिम्मेदारी को हिस्से में बांटिए. एक बार नॉमिनी तय हो जाने के बाद उसे बदला भी जा सकता है. नॉमिनी की प्रक्रिया से जुड़े सारे नियम जानिए Edelweiss AML के हेड सेल्स दीपक जैन से इस वीडियो में –