पैसों की चिंता से कैसे हों आजाद?

पर्सनल फाइनेंनस का मतलब है कि ये निजी मामला है. इसलिए हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य अपनी कमाई और बचत के अनुसार एक निजी फाइनेंशियल प्लान बनाना चाहिए.


पैसों की चिंता से आजादी पाने का केवल एक ही तरीका है कि आप अपने पैसों से दोस्ती कर लें. Edelweiss AML की MD और CEO राधिका गुप्ता के मुताबिक ये दोस्ती तभी संभव है जब आप दूसरों के लाइफस्टाइल और निवेश करने के तरीके से बिना प्रभावित हुए खुद के लिए अपना प्लान बनाएं. राधिका के मुताबिक पर्सनल फाइनेंनस का ही मतलब है कि ये पर्सनल यानी निजी मामला है. इसलिए हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य अपनी कमाई और बचत के अनुसार एक निजी फाइनेंशियल प्लान बनाना चाहिए. अगर म्यूचुअल फंड की बात करें तो 100 से ज्यादा तरह की स्कीम हैं और कंपनियां नई स्कीम भी पेश करती रहती हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको अपना निवेश इसलिए बदलना चाहिए कि बाजार में कुछ नया आया है.

बचत  की आदत लगाईए
ValueResearch के CEO धीरेंद्र कुमार के मुताबिक उन्हें पैसों से जुड़ी चिंता सबसे कम तब होती है जब वो सफलता से पैसे बचा पाते हैं. लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि आप कंजूसी करें बल्कि समझदारी से फैसला लें. जितनी चादर उतना ही पैर फैलाएंगें तो बचत करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. जो पैसे बचा रहें हैं उसे अपने रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार निवेश करें. लंबे समय के लिए निवेश करना है तो इक्विटी निवेश जैसे कि शेयर्स या MF अच्छे विकल्प हैं लेकिन कम समय में पैसे वापस चाहिए तो फिकस्ड इनकम ऐसेट बेहतर रहेंगे .

ValueResearch के CEO धीरेंद्र कुमार और Edelweiss AML की MD और CEO राधिका गुप्ता से जानिए फाइनेंशियल फ्रीडम की तरफ कैसे बढ़ाएं कदम इस वीडियो में –

Published - August 15, 2021, 05:28 IST