म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का डायवर्सिफाइड होना अच्छे निवेश के लिए अहम है. विविधता लाने के लिए आपको अलग-अलग तरह की योजनाओं में पैसे लगाने चाहिए. हालांकि, जरूरत से ज्यादा डायवर्सिफाई करने से बचना भी जरूरी होता है.
इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए MF स्कीम में जरूरत से ज्यादा डायवर्सिफिकेशन क्यों सही नहीं है, इसपर मनीफ्रंट के CEO और को-फाउंडर मोहित गंग ने मनी9 हेल्पलाइन में चर्चा की.
संपादित अंश
प्रशांत मुले: मैं 13,000 रुपये की SIP निवेश कर रहा हूं और ऐसा 25 साल तक करने की योजना बनाई है. मेरे मौजूदा पोर्टफोलियो में लार्ज कैप, फ्लेक्सी कैप, स्मॉल कैप, लार्ज और मिड कैप, इंटरनेशनल फंड, फार्मा सेक्टर, डेट और हाइब्रिड फंड शामिल हैं. क्या ये सही है? मैं PPF और NPS में भी निवेश कर रहा हूं. आगे चलकर मासिक निवेश बढ़ाने पर भी विचार कर रहा हूं. साथ ही एक टेक्नॉलजी फंड में भी पैसे लगाना चाहता हूं.
गंग: मेरे हिसाब से यह काफी अच्छे से डायवर्सिफाई किया गया पोर्टफोलियो है. मुमकि है कि कुछ स्कीमें रिपीट हो रही हों. रिपीट से मेरा मतलब है कि आपने बताया कि आपने कुछ पैसे फार्मा सेक्टर में एलोकेट किए हैं. तो यह चेक कर लें कि आपके पोर्टफोलियो में यह सेक्टर और कहीं शामिल न हो. अगर आपके पोर्टफोलियो में किसी सेक्टर की कमी होगी, तो फंड मैनेजर उस हिसाब से एलोकेशन कर सकता है. आप लार्ज और मिड कैप फंड्स में निवेश बढ़ा सकते हैं.