एक दिग्गज निवेशक और एक औसत निवेशक के बीच क्या फर्क होता है? इनमें से अधिकांश एक ही रास्ते पर चलते हैं लेकिन, चंद लोग ही इस सफर में बड़ी पूंजी खड़ी करने में सफल हो पाते हैं. ऐसे लोगों को उनके धैर्य, निरंतरता और अनुशासन के लिए बहुत कम श्रेय मिलता है, बल्कि, उन्हें भाग्यशाली कहा जाता है.
हालांकि, यदि आप उनकी निवेश यात्रा को करीब से देखें, तो यह छोटी चीजें हैं जो वास्तव में मायने रखती हैं. लेकिन आप ऐसा कैसे करेंगे? आप ऐसा अपने वित्तीय लक्ष्यों पर सख्ती से फोकस्ड रहकर कर सकते हैं. अधिकांश निवेशक यह नहीं जानते कि बाजारों या स्कीम्स का विश्लेषण कैसे किया जाता है और जो चलन में है, वे उस पर आगे बढ़ जाते हैं. इसे झुंड मानसिकता के रूप में जाना जाता है.
निवेशकों, विशेष रूप से खुदरा में देखी जाने वाली ये एक आम प्रवृत्ति है, जो कुछ भी ट्रेंड में है उसमें ही पैसा लगा देना है.
आपको किसी भी चीज में तभी निवेश करना चाहिए जब वह आपके लक्ष्यों के अनुकूल हो. उदाहरण के लिए, क्रिप्टोकरेंसी आजकर सुर्खियों में है. लेकिन, क्या आप बिटकॉइन में सिर्फ इसलिए निवेश करेंगे क्योंकि एलन मस्क को इसमें काफी संभावनाएं दिखती हैं? आदर्श रूप से आपको ऐसा नहीं करना चाहिए.
जब तक आपको निवेश के साथ आने वाले जोखिमों और लाभों की पूरी समझ न हो, तब तक इसमें शामिल न हों. निवेश के लिए हमेशा लंबे वक्त तक धैर्य और अनुशासन के साथ काम करने की जरूरत होती है. तभी इससे आप बड़ी पूंजी खड़ी कर पाते हैं.
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