मिलेनियल्स कैसे हासिल करें वित्तीय आजादी? ये टिप्स आएंगी काम

मनी9 हेल्पलाइन में हमने Investography की को-फाउंडर श्वेता जैन से ये जानने की कोशिश की कि मिलेनियल्स किस तरह से आर्थिक आजादी की राह पर बढ़ सकते हैं.


वित्तीय मुश्किलों और स्ट्रेस से आजादी पाना मिलेनियल्स की पहली ख्वाहिश होती है. खासतौर पर मौजूदा वक्त में इसकी अहमियत और बढ़ गई है. लेकिन, बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि मिलेनियल्स किस तरह से वित्तीय आजादी हासिल कर सकते हैं. मनी9 हेल्पलाइन में हमने श्वेता जैन से बात की जो कि इन्वेस्टोग्राफी (Investography) की को-फाउंडर हैं. उनसे हमने जाना कि मिलेनियल्स किस तरह से आर्थिक आजादी की ओर बढ़ सकते हैं. पेश हैं इस बातचीत के संपादित अशंः

राकेश कुमारः लंबे वक्त के लिहाज से म्यूचुअल फंड यूनिट्स को डीमैट में रखना उचित होगा या नॉन-डीमैट फॉर्म में?

आपको म्यूचुअल फंड्स को अपने डीमैट में रखने की कोई जरूरत नहीं होती है. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ता है. आपके लिए नॉन-डीमैट फॉर्म भी हैं. आप ऑनलाइन भी ऐसा कर सकते हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि आप डीमैट खाते के जरिए ही ऐसा करें.

शुभारत चौधरीः PGMI इंडिया मिडकैप और टाटा स्मॉलकैप के बारे में आपकी क्या राय है? क्या मुझे इन दोनों फंड्स में 15 साल से ज्यादा के लिए SIP शुरू करनी चाहिए? इन फंड्स का AUM कम है और फंड हाउस भी काफी छोटे हैं.

अगर आप पहले से ही लार्ज कैप फंड्स में पैसा लगा रहे हैं तो आप मिड और स्मॉल कैप में पैसा लगा सकते हैं. जरूरी नहीं कि आप इन्हीं फंड्स में पैसा लगाएं. बल्कि, मैं सलाह दूंगी कि हर नए निवेशक को लार्ज कैप इंडेक्स के साथ शुरुआत करनी चाहिए और इशके बाद मिड और स्मॉल कैप पर जाना चाहिए.

आप अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड और बढ़िया साइज वाले AUM के फंड्स पर टिके रह सकते हैं. मैं नए और छोटे फंड हाउसेज की सलाह नहीं दूंगी. एक्सिस स्मॉलकैप, SBI स्मॉलकैप या कोटक इमर्जिंग इक्विटी जैसे फंड्स में जाइए.

Published - August 19, 2021, 03:26 IST