रहीम दास के दोहे और फाइनेंशियल प्लानिंग में क्या कोई रिश्ता हो सका है? रहीम के दोहे हमें जीवन, समाज और उचित व्यवहार की सीख देते हैं. लेकिन अगर इसके सार को आप अपनी फाइनेंशियल जीवन में भी अपना लें तो बेहतर निवेशक बन पाएंगें. Dohanomics के लेखक और Financial Coach विनायक सप्रे हमें बता रहें हैं कि जब बाजार में दिखे तूफानी बढ़त तब रिटेल निवेशक को रहीम के इस दोहे को भूलना नहीं चाहिए-
काह कामरी पामड़ी, जाड़ गए से काज ।
‘रहिमन’ भूख बुताइए, कैस्यो मिले अनाज ॥
भले ही जब ये दोहा लिखा गया तब शेयर बाजार का नामो निशान नहीं था लेकिन तब भी इस दोहे में छिपी है एक बड़ी बात. फाइनेंशियल लक्ष्य हासिल करने के लिए वही निवेश चुनें जो समझ में आते हैं. विनायक सप्रे से समझिए दोहे का पूरा अर्थ इस वीडियो में-