NFO के 10 रुपए के प्राइस टैग (NAV) के झांसे में नहीं आईए? NFO में निवेश करने से पहले क्या देखें

अगर आपके पास पहले से उस तरह का फंड मौजूद है तो उसे बस नए फंड के चक्कर में निवेश न करें.


जुलाई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड के inflows ने खासी बढ़त दिखाई. हर महीने Association of Mutual Funds of India (AMFI) बताता है कि MF में निवेशकों ने किताना पैसा लगाया. जुलाई के AMFI डेटा के मुताबिक इक्विटी MF में 22,584 करोड़ रूपए का निवेश हुआ जिसमें से 13,709 करोड़ का निवेश केवल नई स्कीम के न्यू फंड ऑफर (NFO) से आया. केवल जुलाई में 50% से ज्यादा कमाई NFO से आई. 2021 में अब तक 15 NFO आ चुके हैं और इंडस्ट्री में 17,332 करोड़ का निवेश NFO के जरिए हो चुका है. Wiseinvest के CEO हेमंत रुस्तगी के मुताबिक जब भी बाजार बढ़त बनाता है कंपनियां NFO के जरिए नई स्कीम लॉन्च करने में तेजी दिखाती है. दूसरी वजह है कि SEBI ने 2018 में MF की स्कीम की कैटगरी को री-क्लासिफाई किया और अब सभी कंपनिया बाजार के मूड को सुधरते हुए देखकर उन कैटगरी की स्कीम ला रहीं हैं जहां उनके पास स्कीम नहीं है.

क्या निवेशक को नई स्कीम में निवेश करना चाहिए?

नई स्कीम हर कैटगरी में है Flexi cap से लेकर Small Cap और Index Funds से लेकर Focussed Fund के NFO आ चुके हैं. हेमंत रुस्तगी के मुताबिक निवेशकों को निवेश करने से पहले देखना चाहिए कि क्या उनके पोर्टफोलियो में उस फंड की जरूरत है या नहीं. अगर आपके पास पहले से उस तरह का फंड मौजूद है तो उसे बस नए फंड के चक्कर में निवेश न करें. अगर मौजूदा फंड की परफॉरमेंस खराब रही है या कोई नई थीम की स्कीम है आपके पोर्टफोलियो में नहीं है तभी निवेश करें.

जब नई स्कीम आती है तो 10 रुपए के स्टैंडर्ड भाव पर लाई जाती हैं. ये 10 रुपए का प्राइस टैग आपको लुभावना भी लग सकता है लेकिन हेमंत रुस्तगी समझाते हैं कि जब फंड बढ़ता है और रिटर्न देता है तो आप 10 रुपए की NAV में फंड खरीदे या 100 रुपए की NAV पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर ये कीमत पर यूनिट का भाव होता है और जब इसे आप इसे अपनी पूरी होल्डिंग से मल्टीप्लाई करेंगे तो दोनों को समान फायदा ही होगा. इस पूरी कैलकुलेशन को समझने के लिए देखें ये वीडियो-

 

Published - August 12, 2021, 07:27 IST