क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्यों मची है खलबली?

Cryptocurrency में निवेश को लेकर RBI लगातार सरकार को आगाह कर रहा है और उसका मानना है कि इस मसले पर संजीदगी से राय-मशविरा होना चाहिए.

  • Team Money9
  • Updated Date - November 19, 2021, 01:50 IST



क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर जारी खलबली खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. RBI इसके खतरों को लेकर आगाह कर रहा है, वहीं सरकार तय नहीं कर पा रही है कि इस पर क्या स्टैंड लिया जाए. क्रिप्टो को लेकर रोज एक नया बयान आता है और हर बयान निवेशकों की उलझन और बढ़ा देता है. सुप्रीम कोर्ट इस पर बैन लगाने से इनकार कर चुका है.

ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में पैसा लगाने वाले निवेशकों से लेकर एक आम आदमी तक के दिमाग में ये सवाल पैदा हो रहा है कि भारत में क्या क्रिप्टोकरेंसी का सिक्का चलेगा या ये खोटा साबित होगा?

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर RBI लगातार सरकार को आगाह कर रहा है और उसका मानना है कि इस मसले पर संजीदगी से राय-मशविरा होना चाहिए.

RBI की क्या हैं चिंताएं?

1. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही है.
2. RBI जैसा नियामक अगर क्रिप्टो को लेकर आगाह कर रहा है तो उसे सुनना चाहिए.
3. लोग मोटा मुनाफा कूटने के लालच में बड़ा जोखिम उठा रहे हैं.

सरकार के गले में फंस गई क्रिप्टोकरेंसी

1. सरकार ये तय नहीं कर पा रही है कि उसे क्रिप्टोकरेंसी को देश में फलने-फूलने की इजाजत देनी चाहिए या नहीं.

2. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक संसदीय स्थाई समिति भी बनाई है जो इससे जुड़े हर पहलू की पड़ताल कर रही है.

3. कमेटी की राय है कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन नहीं लगाना चाहिए, लेकिन इसके लिए रेगुलेशंस तय किए जाने चाहिए.

फिर आगे क्या होगा?

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना तकरीबन नामुमकिन है.
अनुमानों के मुताबिक, भारतीयों के पास करीब 15 अरब डॉलर से ज्यादा की क्रिप्टो होल्डिंग हैं.
जाहिर है सरकार इसके लिए रेगुलेशन लाएगी, लेकिन ऐसा कब होगा इसका पता नहीं है.

सरकार क्या कर सकती है?

खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को ई-कॉमर्स कंपनियों का दर्जा देने पर गौर कर रही है.
सरकार की नजर क्रिप्टो से अपना खजाना भरने पर भी है.
इस पर 1% TCS यानी सोर्स पर ही टैक्स वसूलने का इरादा है.

अगर क्रिप्टो को एसेट मान लिया गया तो क्या होगा?

सरकार कंपनियों को क्रिप्टो रिजर्व में रखने की सलाह देगी. अगर देगी तो उसे कंपनी कानून में बदलाव करना होगा.
अगर संपत्ति है तो आयकर नियम क्या होंगे?
संपत्ति कानून में भी बदलाव की दरकार होगी..

सवाल कई हैं फिलहाल अखबारों से लेकर डिजिटल तक, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के एड आपके पीछे पड़े हुए हैं.

इनमें आखिर में ये भी बताया जाता है कि क्रिप्टो में निवेश बाजार और कानूनी जोखिमों के अधीन है.

ऐसे में जब तक सरकार इसे लेकर कोई रुख तय नहीं कर लेती तब तक ये सवाल मौजूं रहेगा कि क्या वाकई “फ्यूचर यही है?”

Published - November 19, 2021, 01:50 IST