क्रिप्टोकरेंसी Vs म्यूचुअल फंडः नई और पुरानी एसेट क्लास में क्या है फर्क?

मनी9 के शो में नई और उभरती हुई एसेट क्लासेज के पारंपरिक एसेट क्लास के साथ संबंधों पर दिग्गजों ने अपनी राय जाहिर की.


फिनसेफ की मृण अग्रवाल, कैपिटलमाइंड्स के दीपक शेनॉय और IIFL सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता ने मनी9 के साथ चर्चा में नई और उभरती हुई एसेट क्लासेज के पारंपरिक एसेट क्लास के साथ संबंधों पर राय साझा की.

क्रिप्टोकरेंसी बनाम म्यूचुअल फंड

मृण अग्रवाल ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी के साथ खास बात ये है कि ये एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जिसकी ट्रेडिंग होती है. अगर आप इसकी म्यूचुअल फंड्स के साथ तुलना करें तो म्यूचुअल फंड्स को प्रोफेशनल फंड मैनेजर मैनेजर करते हैं. ये प्रोसेस अलग है. MF में न्यूनतम निवेश की रकम भी कम है. मिसाल के तौर पर, P2P में न्यूनतम निवेश 1 लाख रुपये है, जबकि म्यूचुअल फंड में ये निवेश केवल 1000 रुपये ही है. ये एक बिलकुल अलग प्रोडक्ट सेट है. क्रिप्टोकरेंसी कोई कोर एलोकेशन नहीं है.”

स्टॉक्स बनाम म्यूचुअल फंड्स

दीपक शेनॉय कहते हैं, “शेयर बाजार में पहली दफा निवेश करने वाले आमतौर पर दोस्तों या खबरों से प्रभावित होकर फैसला करते हैं. एक वक्त के बाद वे ये पाते हैं कि म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाना सही है. निवेशकों के फैसलों में टैक्स भी एक बड़ी भूमिका निभाता है.”

पूरी जानकारी के लिए ये वीडियो देखेंः

 

Published - August 29, 2021, 05:57 IST