बैंक लॉकर (Bank Locker) में रखे समान और लॉकर की सुरक्षा की जिम्मेदारी से बैंक पल्ला नहीं झाड़ सकते. आपके लॉकर (Bank Locker) से सामान चोरी हो जाए या बैंक की इमारत में आग लगने या पानी घुसने से लॉकर डैमेज हो जाए तो इस नुकसान की भरपाई बैंक को करनी पड़ेगी. बैंक को रेंट का 100 गुना मुआवज़ा देना होगा यानी अगर सालाना रेंट लॉकर के साइज के हिसाब से 4000 रुपए है तो मुआवजा होगा 4 लाख रूपए. इससे पहले लॉकर (Bank Locker) से सामान गायब होने पर या किसी प्रकार की क्षति पहुंचने पर बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती थी.
RBI का दिशा निर्देश कहता है – “बैंकों की यह जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिस परिसर में तिजोरी रखी जाती है, उसकी सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जाएं. बैंक परिसर में आग, चोरी/सेंधमारी /लूट/, डकैती, इमारत ढहने जैसी घटनाएं बैंक की अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक/कमीशन के कारण न हों.
चूंकि बैंक यह दावा नहीं कर सकते हैं कि लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए वे अपने ग्राहकों के प्रति कोई दायित्व नहीं रखते हैं, ऐसे मामलों में जहां लॉकर की सामग्री का नुकसान ऊपर वर्णित घटनाओं के कारण होता है या इसके कर्मचारी (कर्मचारियों) द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण होता है, बैंकों की देयता सुरक्षित जमा लॉकर के मौजूदा वार्षिक किराए के सौ गुना के बराबर राशि देनी होगी.”
बात केवल चोरी की नहीं है अगर बैंक ने लॉकर की लोकेशन की पुख्ता जांच नहीं की और इस वजह से अगर इमारत ढह जाए या पानी घुस जाए तब भी बैंक ही जिम्मेदार होंगें.बैक लॉकर से जुड़े ये नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होने जा रहें हैं. इन बदलावों का असर आप पर कैसे पड़ेगा जानने के लिए देखें ये वीडियो-