क्या आप जानते हैं कि सैलरी इनकम के अलावा भी कई तरह की कमाई पर टैक्स लगता है? ये कमाई ब्याज के तौर पर हो सकती है, कैपिटल गेन्स या फिर रेंटल इनकम. इन्हें या तो आप भूल जाते हैं या फिर इनके बारे में मालूम नहीं रहता.
सैलरी के अलावा जो पैसे आपकी जेब में आते हैं, उसमें सेविंग्स बैंक अकाउंट का ब्याज, फिकस्ड डिपॉजिट का ब्याज, म्यूचुअल फंड स्विचिंग पर होने वाले गेन, डिविडेंड और रेंटल इनकम शामिल हैं.
फिक्सड डिपॉजिट का सालाना ब्याज अगर 40,000 रुपए से ज्यादा होगा, तो बैंक TDS भी काटेंगें और ब्याज पर स्लैब के अनुसार टैक्स भी देना होगा.
सालाना 10,000 रूपए तक के सेविंग बैंक अकाउंट के ब्याज पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80TTA के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है. लेकिन इसे पाने के लिए ITR (income tac return) में शो करना अनिवार्य है.
म्युचूअल फंड के गेन्स को लेकर भी सावधान रहें. अगर आप Systematic Transfer Plan के जरिए अपने पैसे ट्रांसफर करते हैं तब कैपिटल गेन्स की देनदारी बनेगी.
इस तरह के इनकम और इनकी टैक्स की देनदारी को समझने के लिए देखें वीडियो.