देश में करीब 40 साल ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) विभाग से कारण बताओ नोटिस मिल सकता है. इन कंपनियों पर कथित तौर पर जीएसटी चोरी करने का आरोप है. इससे पहले जीएसटी विभाग ने गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (GTPL) को 21,000 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस भेजा था. इस नोटिस पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाइकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब जीएसटी विभाग फिर से सक्रिय हो गया है. सुप्रीम कोर्ट का स्टे ऑर्डर 6 सितंबर को आया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मई 2023 में जीएसटी नोटिस पर रोक लगाने का फैसला सुनाया था.
GTPL उन 40 कंपनियों में से एक है, जिनकी कथित कर चोरी के लिए माल एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (DGGI) जांच कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के बाद जीएसटी विभाग अब गेम्सक्राफ्ट के खिलाफ फिर से कार्यवाही शुरू कर सकता है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक जीएसटी अधिकारी अन्य ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को भी नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस तैयारी को रोक दिया गया. लेकिन अब फिर से विभाग नोटिस भेजने की तैयारियों में जुट गया है.
गेम्सक्राफ्ट के साथ ही अन्य कंपनियों पर मनी गेम्स के जरिये ऑनलाइन सट्टेबाजी का आरोप है. इन कंपनियों के ऊपर 2017 से 30 जून, 2022 के बीच जीएसटी चोरी करने का भी आरोप है. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन व्यंकेटरमण के मुताबिक कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम (CBIC) ने 35 अन्य कंपनियों को भेजे जाने वाले कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया था.
विभाग ने अभी तक केवल तीन कारण बताओ नोटिस भेजे हैं. इसमें 21,000 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का नोटिस गेम्सक्राफ्ट को, 3000 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का नोटिस अन्य दो गेमिंग कंपनियों को भेजा गया है.