बैंक अपनी सब्सिडियरी म्यूचुअल फंड कंपनियों का कारोबार बढ़ाने के लिए ग्राहकों पर फाइनेंशियल प्रोडेक्ट खरीदने का दबाव डालते हैं. लेकिन फिर ये होता है.
डेट फंड्स के छोटे निवेशकों को वित्तीय संकट में भारी नुकसान से बचाने के लिए बाजार नियामक SEBI ने बनाया है स्विंग प्राइसिंग का नया नियम.
सेबी ने सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से कहा है कि अब फंड विदेशी शेयरों की खरीद न करें. सेबी ने ये भी कहा है कि वे अब निवेशकों से निवेश न लें.
इसमें सबसे खास बात ये है कि कंपनियों की आईपीओ से जुडी पूंजी कहां खर्च होगी इसपर तस्वीर पूरी साफ करना चाहता है.
Dollar Placement Window: टी प्लस वन व्यवस्था में डॉलर को उसी दिन रुपए में बदलना होगा जिस दिन उसे डॉलर प्राप्त हुआ है.
डिजिटल गोल्ड एक अन रेगुलेटेड प्रोडक्ट है और इसमें निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
T+1 निपटान प्रणाली को अपनाने का अर्थ होगा, भारतीय इक्विटी के लिए निपटान चक्र को दो कार्यदिवसों से घटाकर एक करना.
Delhivery IPO: पब्लिक ऑफर में पांच हजार करोड़ रुपये के फ्रेश इशू और 2,460 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (OFS) होंगे
Return: इस हाई में दो सबसे बड़े गेनर थे क्वांट स्मॉल कैप फंड और कोटक स्मॉल कैप फंड. 27 मार्च 2020 को सेंसेक्स 25 हजार 981 तक गया था.
इसका उद्देश्य केवल निवेशकों को वित्तीय नियामकों के दायरे में लाकर बिचौलियों और टाइम बाउंड सर्विसेज की गारंटी देकर उन्हें सशक्त बनाना है.