क्रिटिकल इलनेस कवरः इलाज का खर्च लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने के बाद बिना वजह की परेशानी से बचने के लिए ये कवर लेना ठीक रहता है.
आपको अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री ध्यान में रखते हुए डायबिटीज और कैंसर प्लान जैसे डिजीज स्पेसिफिक प्लान खरीदने के बारे में सोचना चाहिए.
आपको पॉलिसी के नियम और शर्तों को पढ़ना चाहिए. इसमें आपको पता चलेगा कि क्या आपकी पॉलिसी में आयुष (Ayush) इलाज को कवर किया गया है या नहीं.
आयुष्मान भारत के तहत लाभार्थियों को एक ई-कार्ड मुहैया कराया जाता है. 10 अगस्त 2020 तक कुल 12.55 करोड़ PM-JAY के e-कार्ड जारी किए जा चुके हैं.
ये प्लांस प्राइमेरी मेंबर की मृत्यु होने पर एक इनकम रिप्लेसमेंट के तौर पर काम करते हैं. आमतौर पर अगला सवाल यही होगा कि किसी को कितना कवरेज लेना चाहिए?