कार्तिक चाय की टपरी पर बैठा एक क्रिप्टो एक्सचेंज के कस्टमर केयर का फोन लगा रहा था. रसिक भाई उधर से गुजर रहे थे. कार्तिक को देखते ही रुक गए.
पूरा खेल इंटरनेट पर हो रहा है, कोई नियम-कायदा है नहीं...और रातोंरात माल बनाने का लालच ऐसा कि पूछो मत.
क्रिप्टोकरेंसी का दौर क्या अपने आखिरी दिन गिन रहा है? आप सोचेंगे कि हम ये सवाल क्यों उठा रहे हैं. बात वाजिब है...लेकिन, ऐसी कई वजहें हैं.
Cryptocurrency को लेकर कितना भी रिसर्च कर लें, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही रिस्की है.
ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले 24 घंटों में 2.83 फीसदी की गिरावट के साथ 1.75 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
आप सोच रहे होंगे कि क्रिप्टो का क्या होगा? सरकार सोच रही है कि इससे कमाई कैसे होगी?
क्रिप्टो में पैसा लगाने की होड़ के बीच सरकार और RBI आपस में उलझे नजर आ रहे हैं. रिजर्व बैंक की बेचैनी और सरकार की सरगर्मी के बीच निवेशक हैरान-परेशान
क्रिप्टो पर छाई धुंध अब साफ होने लगी है. अब यह लगभग तय हो गया है कि भारत में किसी भी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी मान्य नहीं होगी.
क्रिप्टो में अब क्या होगा? सरकार इसे बख्शेगी या कर देगी बैन? नई खबर यह है कि सरकार इसको बढ़ावा नहीं देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है
MoneyComic: दुनियाभर में क्रिप्टो पर क्या कानून बन रहे हैं उन पर सरकार की नजर है. अब तो आईएमएफ वाले भी कह रहे हैं रेगुलेशन होना चाहिए.