अचानक अगर पैसों की जरूरत सिर पर आ पड़े तो पीयर टू पीयर यानी पी2पी लेंडिंग आपको क्विक लोन दिलवा सकती है.
बैकिंग और PSU फंड्स को आमतौर पर दूसरे डेट फंड्स के मुकाबले कम जोखिम वाला माना जाता है.
अक्सर बाजार के जानकार और निवेशक किन्ही दो वैरिएबल्स जैसे शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच रिश्ता
कई जानकार ऐसी राय देते हैं कि किसी स्थिर, सुरक्षित और लिक्विड डेट म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना है तो बैंकिंग और पब्लिक सेक्टर डेट फंड में जाना
कच्चे तेल के रेट में उतार-चढ़ाव का शेयर बाजार पर क्या असर पड़ता है? क्या गोल्ड के रेट में बदलाव का शेयर बाजार से कोई संबंध है?
कहां पैसा लगाने से मिलेगा आपको मोटा रिटर्न, शेयर बाजार के निवेशक हुए मालामाल, तीन दिन में दूसरी बार बढ़े CNG के दाम.
Australia के साथ FTA का भारत को क्या फायदा? रूस के तेल को भारत कभी हां और कभी ना क्यों कर रहा है?
बिल्डर्स ने डिस्काउंट ऑफर्स खत्म कर दिए और दूसरी तरफ दाम भी 7 से 10 फीसद तक बढ़ा दिए. आगे महंगे कर्ज वाली महंगाई भी तो आती दिख रही है.
टैक्स सेविंग के लिए ईएलएलएस आकर्षक विकल्प है. इक्विटी से जुड़ी इस योजना में बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है.
बैंकिंग और PSU फंड बहुत कम जोखिम वाले निवेश साधन होते हैं, क्योंकि वे ज्यादातर AAA रेटिंग या ऐसी ही अन्य सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं.