सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. SIP के जरिए आप छोटी सी रकम के साथ निवेश करना शुरू कर सकते हैं और भविष्य में एक बड़ी पूंजी इकट्ठी कर सकते हैं. दोहानॉमिक्स के लेखक और फाइनेंशियल कोच विनायक सप्रे SIP को कबीरदास के इस दोहे के जरिए समझाते हैं –
“धीरे-धीरे रे मना, धीरे-धीरे सबकुछ होय, माली सींचे 100 घड़ा, ऋतु आए फल होय.”
ये दोहा कह रहा है कि धीरे-धीरे सबकुछ होता है, 100 घड़े सींच लीजिए, लेकिन जब मौसम आएगा तभी फल मिलेगा. ऐसे ही SIP के जरिए धीरे-धीरे नियमित निवेश करते रहिए और आपको लंबे समय तक निवेश करने पर अपनी लागत पर एवरेज और पावर ऑफ कंपाउडिंग का डबल फायदा मिलेगा. पावर ऑफ कंपाउडिंग यानि हर बार कमाए गए रिटर्न के ऊपर रिटर्न जुड़ेगा और आपको मिलेगा चक्रवृद्धि ब्याज.
क्यों करें SIP?
आप 100 रुपये की मामूली रकम से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. खासतौर ऐसे लोग जो हर महीने छोटी रकम ही बचा पाते हैं उनके लिए SIP काफी मददगार साबित हो सकती है. अगर आप अपने जीवन में नियमित निवेश का अनुशासन लाना चाहते हैं तो SIP का विकल्प आपके लिए बेहतर रहेगा.
विनायक सप्रे कहते हैं कि हर महीने आप खाने-पीने, बिजली, OTT जैसे बिल्स चुकाते हैं. इसी कड़ी में आपको एक SIP का बिल भी जोड़ लेना चाहिए.
किस तारीख पर शुरू करें SIP?
अक्सर लोगों में ये दुविधा होती है कि उन्हें SIP की शुरुआत कब करनी चाहिए. इसे लेकर कई सवाल पैदा होते हैं. मसलन, SIP को महीने की शुरुआत में चालू करना चाहिए या महीने के अंत में. बाजार जिस दिन चढ़ा हो क्या उस दिन SIP लेना सही होगा?
इन सवालों के जवाब में विनायक सप्रे कहते हैं कि पीछे देखकर बोलना आसान है कि ये तारीख नहीं वो तारीख अच्छी है, लेकिन वास्तविकता ये है कि अच्छी तारीख तय करना मुशकिल होता है.
वे कहते हैं, “तारीख को लेकर ज्यादा माथापच्ची न करते हुए निवेश करने पर जोर देना चाहिए क्योंकि लंबे समय में रुपी कॉस्ट एवरेज का फायदा मिलता है और यही पाया गया है कि अगर कोई बाजार में तेजी वाले दिन निवेश करे या गिरावट वाले दिन लंबे समय में 1% से ज्यादा का फर्क नहीं रहता.”
यहां हम इसी गणित को आपके सामने रख रहे हैंः
इस चार्ट में हर बार जब SIP की तारीख आई तो ‘नुकसान’ के लिए बाजार ऊपर था यानी उसे कम यूनिट मिलीं और ‘फायदा’ को ज्यादा यूनिट्स मिलीं, लेकिन ऐसा किसी के साथ नहीं होता कि हर SIP की तारीख वाले दिन बाजार एक को फायदा दे और दूसरे को हर बार नुकसान. इसलिए तारीख के चक्कर में पड़कर समय खराब मत कीजिए.
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव में क्या करें?
बाजार में अक्सर उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. SIP में जब बाजार गिरते हैं तब आपको ज्यादा यूनिट्स अलॉट होंगी. जब बाजार में तेजी आएगी तो आपको कम यूनिट्स मिलेंगी.
इस प्रकार आपका खर्च औसत में बना रहेगा और लंबे समय में औसत खर्च पर अच्छा रिटर्न मिलेगा. इसीलिए SIPमें निवेश करने वालों को बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में नहीं सोचना चाहिए.
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