पिछले हफ्ते भारत द्वारा बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर करने के बाद तुर्किए के कई बड़े खरीदारों ने बासमती चावल की खरीदारी के लिए भारत का रुख किया है. खरीदारों की ओर से मांग बढ़ने की वजह से निर्यात बाजार में बासमती चावल का दाम बढ़कर 975-1,000 डॉलर प्रति टन हो गया है. वैश्विक बाजारों से बासमती चावल की भारी मांग की वजह से एक हफ्ते के भीतर 1509 बासमती धान के दाम में 700 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
1509 धान का दाम बढ़कर 3,900 रुपए प्रति क्विंटल
मौजूदा समय में हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को अब उनकी बासमती धान की फसल (1509 किस्म) के लिए 3,900 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है. बता दें कि 1,200 डॉलर प्रति टन से कम भाव की वजह से ऐसे पुराने कॉन्ट्रैक्ट जो स्थगित रखे गए थे, अब निर्यात किए जा रहे हैं. बासमती निर्यातक और ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यानी AIREA के पूर्व प्रेसिडेंट विजय सेतिया के मुताबिक बासमती चावल की अच्छी मात्रा की खरीद के लिए तुर्की से बड़े खरीदार भारत आ रहे हैं.
बता दें कि सरकार ने 27 अगस्त को सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध शिपमेंट को प्रतिबंधित करने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था. हालांकि सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया है. इसके अलावा गैर-बासमती सफेद चावल के शिपमेंट पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया था. केंद्र सरकार ने सेला (Parboiled) चावल के निर्यात पर लगी 20 फीसद एक्सपोर्ट टैक्स की शर्त को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया है, पहले यह शर्त 16 अक्टूबर 2023 तक लागू थी.
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को कम करने के लिए सरकार से कई बार आग्रह किया था. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल पिछले हफ्ते न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन करने पर सहमत हो गए थे.
पिछले हफ्ते भारत द्वारा बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर करने के बाद तुर्किए के कई बड़े खरीदारों ने बासमती चावल की खरीदारी के लिए भारत का रुख किया है. खरीदारों की ओर से मांग बढ़ने की वजह से निर्यात बाजार में बासमती चावल का दाम बढ़कर 975-1,000 डॉलर प्रति टन हो गया है. वैश्विक बाजारों से बासमती चावल की भारी मांग की वजह से एक हफ्ते के भीतर 1509 बासमती धान के दाम में 700 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
1509 धान का दाम बढ़कर 3,900 रुपए प्रति क्विंटल मौजूदा समय में हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को अब उनकी बासमती धान की फसल (1509 किस्म) के लिए 3,900 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है. बता दें कि 1,200 डॉलर प्रति टन से कम भाव की वजह से ऐसे पुराने कॉन्ट्रैक्ट जो स्थगित रखे गए थे, अब निर्यात किए जा रहे हैं. बासमती निर्यातक और ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यानी AIREA के पूर्व प्रेसिडेंट विजय सेतिया के मुताबिक बासमती चावल की अच्छी मात्रा की खरीद के लिए तुर्की से बड़े खरीदार भारत आ रहे हैं.
बता दें कि सरकार ने 27 अगस्त को सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध शिपमेंट को प्रतिबंधित करने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था. हालांकि सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया है. इसके अलावा गैर-बासमती सफेद चावल के शिपमेंट पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया था. केंद्र सरकार ने सेला (Parboiled) चावल के निर्यात पर लगी 20 फीसद एक्सपोर्ट टैक्स की शर्त को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया है, पहले यह शर्त 16 अक्टूबर 2023 तक लागू थी.
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को कम करने के लिए सरकार से कई बार आग्रह किया था. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल पिछले हफ्ते न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन करने पर सहमत हो गए थे.
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