डेट म्यूचुअल फंड बाजार के अनुसार प्रदर्शन करते हैं इसलिए इसमें ज्यादा रिटर्न मिलता है
बैंक एफडी में पूर्व-निर्धारित ब्याज मिलता है, इसलिए ये डेट फंड से कम हो सकता है
सुरक्षा के लिहाज से बैंक एफडी ज्यादा बेहतर माने जाते हैं
डेट फंड में मैनेजर एएए-रेटेड सिक्योरिटीज में पैसे निवेश करते हैं
डेट म्युचुअल फंड में बहुत कम समय के लॉक-इन के बाद एग्जिट कर सकते हैं
बैंक एफडी में जल्दी निकासी पर पेनाल्टी लग सकती है
डेट म्यूचुअल फंड में अब एफडी की तरह टैक्स लगता है
एफडी पर मैच्योरिटी के समय भी टैक्स का भुगतान कर सकते हैं
डेट फंड टीडीएस नियमों के अधीन नहीं है