खर्चे का परचा फूफा जैसे जैसे पढ़ रहे थे, वैसे-वैसे बढ़ रहा था बुआ का गुस्सा. आगे जानने के लिए देखिए इस हफ्ते का मनीकॉमिक.
रामू की टपरी पर भीड़ लगी थी. पता चला कि गुप्ता जी की किसी के साथ लड़ाई हो रही है. रामू और गुप्ता जी भी वहां पहुंच गए.
छुट्टी का दिन है. गुनगुनी धूप में बैठे रसिक भाई इंस्टाग्राम की रील्स का मजा ले रहे हैं. मोबाइल की स्क्रीन स्क्रॉल करते करते रसिक भाई अचानक थम गए.
इससे ज्यादा दुखी बुआ पहले कभी नहीं थीं. किसी काम में मन नहीं लग रहा. बार बार बस दरवाजा देखते बन रहा. फूफा अब आए कि अब आए.
बैंक आखिर किसके लिए होते हैं? क्या कर्ज लेने वालों के लिए या फिर उनके लिए जो अपनी गाढ़ी बचत की कमाई को बैंक में रखते हैं.
मनी कैफे में खिच खिच मची है. कार्तिक मैनेजर के साथ बहस कर रहा है. सब कैश काउंटर की तरफ देख रहे हैं.
चतुर चालाक गुप्ताजी को तगड़ी चपत लगी है. डिजिटल फ्रॉड के फंदे में गुप्ता जी ऐसे फंसे कि बैंक एकाउंट खाली हो गया.
अखबार में बम्पर सेल के विज्ञापन देखकर सुरेखा से रुका नहीं गया. मौका भी था और दस्तूर भी तो निकल पड़ी सुरेखा दिवाली की शॉपिंग करने.
रुपए के गिरने की पूरी कहानी विस्तार से रामू की समझ में तो आ गई. आप भी समझ लीजिए. देखिए मनीकॉमिक का ये ताजा वीडियो-
सुरेखा ने खरीदा है नया iPhone. अब कवर चढ़वाने बाजार की ओर बढ़ी ही थी कि चबूतरे पर बैठी बुआ ने लपक लिया. फिर क्या हुआ? जानने के लिए देखिए ये वीडियो-