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कोविड के नए मरीजों की संख्या 58 दिनों में सबसे कम लेकिन मृत्यु दर में बढ़ोतरी
Coronavirus Cases: पिछले 24 घंटों में 3380 लोगों की मौत हुई है जिससे मृत्यु दर बढ़कर 1.20 फीसदी हो गई है. फिलहाल 15,55,248 मरीजों का इलाज चल रहा है
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कोरोना में अनाथ हुए छात्रों की फीस माफ करेगा दिल्ली विश्वविद्यालय
Delhi University: विश्वविद्यालय ने अपने कॉलेजों को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि वह इस संबंध में सर्वेक्षण करें और ऐसे विद्यार्थियों की एक सूची तैयार करें.
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लंबे वक्त की पूंजी के लिए सरकार लाए ज्यादा ब्याज वाले टैक्स फ्री बॉन्ड
SBI की एक रिपोर्ट से पता चल रहा है कि बैंक में डिपॉजिट्स 2020-21 के दौरान बढ़कर 2.9 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं.
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Covid-19: सरकारी कर्मचारी की मौत पर UP सरकार का बड़ा ऐलान, ये लिया फैसला
Covid-19: मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना या अन्य कारणों से मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को राजकीय सेवा में सेवायोजित किया जाए.
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NPS vs Atal Pension: रिटायरमेंट के लिए क्या है बेहतर, जानिए दोनों में अंतर
NPS or Atal Pension:अटल पेंशन और एनपीएस, रिटायरमेंट के लिए दोनों ही योजनाएं बेहतर हैं. अभी किया गए निवेश से अच्छी पेंशन मिलती है.
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बड़ी संख्या में नई नौकरियों के लिए स्टार्टअप्स को सपोर्ट दे सरकार
स्टार्टअप्स का उभार देश में फल-फूल रही आंत्रप्रेन्योरशिप की भावना का संकेत देता है. इसने ऐसे युवाओं को एक नई दिशा दी है जो कि अपनी रेगुलर जॉब से संतुष्ट नहीं हैं
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इन खास फीचरों से लैस होगा इनकम टैक्स का नया पोर्टल, 7 जून को किया जाएगा लॉन्च
Income Tax New Website: 1 जून यानी मंगलवार से ही इनकम टैक्स की वेबसाइट बंद है और अभी 6 जून तक बंद ही रहेगी. वेबसाइट से जुड़े कोई भी काम आप नहीं कर पाएंगे.
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NPS में निवेश की है तैयारी तो पहले समझें लगते हैं कितने चार्ज
NPS में कई तरह की इंटरमीडियरी शामिल हैं जो अलग-अलग चार्ज वसूलते हैं, इसलिए इस निवेश पर आपको कितना चार्ज देना पड़ेगा ये समझना जरूरी है.
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खुशखबरी! अब वीकेंड पर भी आएगी सैलरी, जानिए RBI ने ऐसा क्या जादू किया
NACH एक बल्क पेमेंट सिस्टम है जिसे NPCI चलाता है. NACH डिविडेंड पेमेंट, इंटरेस्ट, सैलरी और पेंशन जैसे क्रेडिट ट्रांसफर्स की सहूलियत देता है.
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छात्रों ने प्राइवेट स्कूलों को एनुअल फीस बढ़ाने की मंजूरी के फैसले के खिलाफ की अपील
School Fees: निजी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों की ओर से दायर याचिकाओं में दलील दी गई कि एकल पीठ का 31 मई का फैसला गलत तथ्यों और कानून पर आधारित था.